नईदिल्ली. 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। देशभर में लॉकडाउन चलते हुए 14 दिन पूरे हो चुके हैं। 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि पूरी होगी। इसी बीच सोशल मीडिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नाम से एक मैसेज वायरल हो रहा है। इस मैसेज में डब्ल्यूएचओ का हवाला देते हुए लॉकडाउन का प्रोटोकॉल और शेड्यूल बताया गया है। वायरल मैसेज में लॉकडाउन के चार स्टेप बताए गए हैं। पहले स्टेप में 1 दिन, दूसरे में 21 दिन, तीसरे में 28 दिन और चौथे में 15 दिन की अवधि होने की बात लिखी है। वायरल दावे के हिसाब से 20 अप्रैल से 18 मई के बीच लॉकडाउन का तीसरा चरण होगा। डब्ल्यूएचओ ने इस मैसेज को फर्जी बताया है।

- इस बात की जानकारी के लिए दैनिक भास्कर ने डब्ल्यूएचओ से संपर्क साधा। संगठन के जेनेवा स्थित मुख्यालय में उनकी मीडिया टीम के क्रिश्चियन लिंडमीयर ने हमें वॉट्सऐप पर जवाब देते हुए लिखा कि- 'लॉकडाउन को लेकर हर देश का अपना सेटअप है। डब्ल्यूएचओ इस बारे में कोई भी निर्देश जारी नहीं करता है। जो मैसेज भारत में वायरल हो रहा है, वह फर्जी है'। इसके साथ ही उन्होंने डब्ल्यूएचओ के साउथ ईस्ट एशिया द्वारा किया गया ट्वीट भी साझा किया, जिसमें वायरल दावे का खंडन किया गया है।

डब्ल्यूएचओ द्वारा 5 अप्रैल को किया गया ट्वीट।
- इससे पहले डब्ल्यूएचओ के साउथ-ईस्ट एशिया ऑफिस ने 5 अप्रैल को ट्वीट कर कहा था कि, 'लॉकडाउन के लिए डब्ल्यूएचओ प्रोटोकॉल के रूप में सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे मैसेज आधारहीन और फर्जी हैं। डब्ल्यूएचओ के पास लॉकडाउन के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं है।' उसके बाद भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी ट्वीट कर इस दावे का खंडन किया। पीआईबी ने लिखा कि, डब्ल्यूएचओ भी इसे फर्जी बता चुका है। इस मैसेज को शेयर करते हुए पीआईबी ने डब्ल्यूएचओ साउथ-ईस्ट एशिया का ट्वीट भी शेयर किया।
